Wednesday, October 9, 2019

रसिया by neetesh shakya ajanbi

अजमाइले किस्मत जीना पे, मेरी बात मान ले गौरी।
कर दे मेरे मन की, मत इतरावे गौरी।
पढने के बहाने कॉलेज आवे, फैशन तू दिखावे।
तेरी छैन छवीली सूरत, हर वन्दा मर जावे॥
रूप देख बेहोश हो गये, मदद कर दे थोडी।
कर ..............................................गौरी।
काली जुल्फें देख तेरी, कैसे मन समझावे।
रात को तेरे बारे सोचे, नीद नहीं मुझे आवे॥
नीद की गोली बनके आजा, दिल मे समाजा गौरी।
कर .........................................................गौरी।
पढना लिखना बन्द होवे, नजर तुझपे लागी।
घायल हो गया तेरे रूप पे, सबने हसी उढा (बना) दी॥
अब तो मेरे संग (साथ) चल दे, मत घबरावे गौरी।
कर ..............................................गौरी।

प्रिय एन.एस.अजनबी ‌(03/04/2019)

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